दिनांक 17.08.2015 को निर्माण भवन में केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन
(Central Secretariat Official
Language Service Officers’ Cadre Association) की आम सभा (General Body) की बैठक
केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन की आम सभा को संबोधित करते हुए महासचिव, श्री राकेश दुबे
केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन की आम सभा को संबोधित करते हुए महासचिव, श्री राकेश दुबे
संगठन के अध्यक्ष, श्री दिनेश कुमार पाण्डेय ( निदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय) की अध्यक्षता में इसकी आम सभा की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें संगठन के महासचिव, श्री राकेश बी दुबे (उप निदेशक, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय), उपाध्यक्ष, श्री महेश चंद्र भारद्वाज (उप निदेशक, केंद्रीय जल आयोग), संयुक्त सचिव, श्री विजय सिंह मीणा (उप निदेशक, विधि कार्य विभाग), कोषाध्यक्ष, श्री भारतेश कुमार मिश्र (संयुक्त निदेशक, नीति आयोग), कार्यकारिणी के सदस्य, श्री सादर सिंह (उप निदेशक, पंचायती राज मंत्रालय) एवं श्री राकेश कुमार कुलश्रेष्ठ (संयुक्त निदेशक, रक्षा (उत्पादन)) के साथ-साथ बड़ी संख्या में अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में अनुवादक एसोसिएशन के अध्यक्ष, श्री दिनेश कुमार सिंह, महासचिव, श्री अजय कुमार झा एवं उनके महत्वपूर्ण कार्यकारिणी सदस्य, श्री राज कुमार रावत और श्री राकेश मलिक आदि को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
एसोसिएशन की आम सभा में संवर्ग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए प्रतिभागीगण
अध्यक्ष महोदय की अनुमति से महासचिव, श्री राकेश बी दुबे ने बैठक की शुरुआत करते हुए इस एसोसिएशन द्वारा अभी तक किए गए प्रयासों का कालानुक्रमिक (chronological) विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार अक्टूबर,2012 में संगठन का विधिवत् चुनाव होने के बाद 01 नवम्बर, 2012 से नई कार्यकारिणी ने काम करना शुरू किया और इसके बाद से राजभाषा विभाग के सहयोग से निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक पद पर यथा-स्थिति नियमित एवं तदर्थ पदोन्नतियां कराने, तदर्थ सहायक निदेशकों के अत्यधिक उलझे हुए मामले को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में लगातार पैरवी करके सुलझाने के काम किए और वरिष्ठ अनुवादकों की सहायक निदेशक के पद पर तदर्थ पदोन्नति कराने के लिए लगातार प्रयास किए।
अलग-अलग मामलों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गई क्योंकि बैठक की समय-सीमा को देखते हुए कार्यसूची के अन्य बिन्दुओं पर भी चर्चा करनी थी। बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए-
आम सभा में माननीय सदस्यगण चर्चा में भाग लेते हुए
1. संगठन के सदस्यों ने कहा कि उन्हें संगठन की गतिविधियों के बारे में जानकारी नियमित तौर पर प्राप्त नहीं हो पाती है इसलिए यह निर्णय लिया गया कि संगठन के ब्लॉग को सक्रिय किया जाए और कार्यकारिणी समिति, आम सभा की बैठकों में लिए गए निर्णयों की सूचना के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के बारे में भी माननीय सदस्यों को अवगत रखा जाए।
2. बैठक की समय-सीमा के कारण मामलों की जानकारी विस्तार से नहीं दी जा सकी और मुख्य-मुख्य बातें ही बताई जा सकीं। संगठन के माननीय सदस्यों की यह राय थी कि विभिन्न मुद्दों एवं गतिविधियों के बारे में संगठन द्वारा किए गए प्रयासों और इन पर संगठन की सुविचारित नीति के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए जिससे कि सदस्यगण इस बारे में अद्यतन रह सकें।
3. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ संगठन द्वारा भेजे गए अभ्यावेदन की मुख्य-मुख्य बातों को भी आम सभा के समक्ष रखा गया। (इस बारे में विस्तार से सूचना इसी ब्लॉग पर जल्दी ही प्रकाशित की जाएगी)।
4. राजभाषा विभाग की ओर से सहायक निदेशक के पद पर सीधी भर्ती कोटे से भरे जाने के लिए 51 अधिकारियों की भर्ती की मांग राजभाषा विभाग को भेज दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस बारे में अनुवादक एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष श्री दिनेश सिंह जी को अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया। उन्होंने अन्य बातों के साथ-साथ यह बताया कि अधिकारी संवर्ग संगठन के साथ इस मुद्दे पर उनकी लगातार बैठकें होती रही हैं और संघ लोक सेवा आयोग में भी इस बारे में अभ्यावेदन दोनों की ओर से भेजा गया जिसके परिणाम-स्वरूप आयोग ने राजभाषा विभाग से जवाब तलब किया। उन्होंने आगे बताया कि अन्य मुद्दों पर भी वे लगातार अधिकारी संवर्ग संगठन के संपर्क में रहते हैं। संगठन की ओर से उन्हें आश्वस्त किया गया कि इस मुद्दे पर वे हर कदम पर अनुवादक एसोसिएशन के साथ हैं।
प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए महासचिव, श्री राकेश दुबे
5. महासचिव ने इस एसोसिएशन द्वारा समानांतर अधिकारी एसोसिएशन के साथ एका करने के संबंध में किए गए प्रयासों का भी संक्षेप में उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि समानांतर संघ के साथ एका करने हेतु पिछले दो वर्षों में लगभग पांच बैठकें की जा चुकी हैं लेकिन हर बार ऐन मौके पर उस संगठन के महासचिव पीछे हट जाते रहे। सबसे ताजा प्रयास जुलाई, 2015 माह में किया गया था, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी ऐन मौके पर उस संगठन के महासचिव पीछे हट गए। यह उल्लेखनीय है कि अधिकारी संवर्ग संगठन की ओर से श्री दिलीप कुमार निगम और श्री डी पी मिश्रा तथा समानांतर एसोसिएशन की ओर से उस संगठन के अध्यक्ष, श्री डी.एस रावत जी और उपाध्यक्ष, श्री सुबोध कुमार जी ने एकीकरण के संबंध में हुई प्रारंभिक बैठकों में हिस्सा लिया। इन बैठकों के लिए दोनों एसोसिएशन के महासचिवों की सहमति इन्हें प्राप्त थी। एक दो बैठकों में समानांतर संगठन के महासचिव एवं अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। इनके बीच बनी सहमति के आधार पर अधिकारी संवर्ग संगठन की कार्यकारिणी समिति की बैठक योजना आयोग में हुई जिसमें श्री दिलीप कुमार निगम एवं श्री डी पी मिश्रा ने उस समय तक हुई प्रगति की जानकारी दी। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रमुख बिन्दुओं पर सहमति बनी-
(क) कि मान्यता संबंधी अपेक्षाओं को पूरा करने तथा अन्य तकनीकी कारणों से दोनों ही एसोसिएशन अपने-अपने नाम छोड़कर एक तीसरे नाम जैसे कि -केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी एसोसिएशन या ऐसे ही किसी अन्य नाम को अपनाने पर सहमत हैं और इसके अनुक्रम में वे राजभाषा विभाग को अपनी-अपनी कार्यकारिणी समिति की ओर से पत्र लिखकर सूचित करेंगे कि दोनों एसोसिएशन के सदस्य उस नई एसोसिएशन के सदस्य समझे जाएं।
(ख) कि ऐसी सूचना देने के बाद घोषित किए जाने वाले चुनाव में एक दूसरे की सहमति से पदाधिकारियों को नामांकन के लिए चुना जाएगा। चुनाव होने तक तदर्थ आधार पर महासचिव के पद पर श्री ब्रजभान को और अध्यक्ष के पद पर श्री राकेश दुबे को रखा जाएगा। इसी प्रकार से अन्य पदाधिकारियों के नाम भी एक दूसरे को सुझाए गए जिन पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई।
(ग) कि अन्य छोटे-मोटे मुद्दों पर चर्चा करने और सहमति के उक्त बिन्दुओं पर हस्ताक्षर करने के लिए दोनों एसोसिएशन की कार्यकारिणी समितियों की साझा बैठक 17 जुलाई, 2015 को प्रशुल्क आयोग, खान मार्केट में की जाएगी ताकि औपचारिकताएं पूरी करके सहमति पत्र राजभाषा विभाग को सौंपा जा सके।
लेकिन 15 जुलाई को ही पहले तो साझा बैठक की तिथि 17 से बदलकर 20 जुलाई किए जाने का प्रस्ताव समानांतर एसोसिएशन की ओर से किया गया और बाद में 17 जुलाई को वार्ता में उक्त एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले अध्यक्ष श्री डी एस रावत जी और उपाध्यक्ष श्री सुबोध कुमार जी को उस संगठन के महासचिव द्वारा यह कह दिया गया कि वे अब इस मामले में आगे बढ़ना नहीं चाहते। चूंकि इसके पहले चार बार एकीकरण के प्रयासों में भी ऐसी ही पलटी मारी गई थी जिससे क्षुब्ध होकर एएसआई की बैठक में उस एसोसिएशन के तत्कालीन उपाध्यक्ष, श्री एस. के. गौड़ पहले ही इस्तीफा दे चुके थे और इस बार भी वही कलाबाजी दिखाई जा रही थी । इससे क्षुब्ध होकर श्री डी एस रावत और श्री सुबोध कुमार ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया जो सार्वजनिक हो चुका है।
श्री राकेश दुबे ने अपनी ओर से और केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा के हित में सार्वजनिक तौर पर यह घोषणा की कि वे एकीकरण के सभी प्रयासों में अंतर्मन से हिस्सा लेते रहे हैं लेकिन इन प्रयासों की आड़ में समानांतर एसोसिएशन ने यह झूठा प्रचार करना शुरू कर दिया कि केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन तो समाप्त हो गया है। इसलिए आगे से संगठन के किसी भी सदस्य को एकीकरण के प्रयास करने के लिए अधिकृत नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह अपील की कि सदस्यगण किसी प्रकार के दुष्प्रचार के झांसे में न आएं और उन्हें आश्वस्त किया कि संगठन पूरी ईमानदारी और शक्ति से काम करता रहेगा। उपस्थित माननीय सदस्यों द्वारा एकमत होकर अपना पुरजोर समर्थन इस संगठन को जारी रखने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया गया। दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए और पारदर्शिता की कसौटी पर खरे उतरने की दृष्टि से उन्होंने यह घोषणा की कि एकीकरण के लिए ऊपर बिन्दु संख्या 5 (क) और (ख) में उल्लिखित बातों पर सहमति का सर्वसम्मत पत्र जिस दिन कोई भी अधिकारी लेकर आ जाएगा, उसी दिन इस संगठन की ओर से राजभाषा विभाग को वैसा ही पत्र सौंप दिया जाएगा। लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं देता क्योंकि बैठक में मौजूद एक माननीय सदस्य ने यह कहा कि 'जन्मजात महासचिव' कभी इसके लिए सहमत न होंगे।
अंत में, केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन के अध्यक्ष, श्री दिनेश कुमार पाण्डेय को धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही आम सभा की बैठक संपन्न हुई।