मित्रो,
केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन द्वारा राजभाषा विभाग से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ है कि राजभाषा विभाग के पास कार्रवाई हेतु लंबित संवर्ग संबंधी विभिन्न मुद्दों पर राजभाषा विभाग द्वारा की गई या की जा रही कार्रवाई की अद्यतन स्थिति निम्नानुसार है: -
1). आठ निदेशकों की पदोन्नति संबंधी मामला: निदेशक के इस समय रिक्त कुल 10 पदों में से 08 पदों को तदर्थ आधार पर पदोन्नति से भरने हेतु 07 अगस्त, 2013 को हुई विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के कार्यवृत्त को पदोन्नति समिति के सभी सदस्यों द्वारा अनुमोदित किए जाने के पश्चात उसे लगभग एक सप्ताह पूर्व माननीय गृह राज्य मंत्री जी के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया गया था। इस संबंध में राजभाषा विभाग की सहायता करने के उद्देश्य से संगठन के पदाधिकारियों द्वारा उक्त मिसिल के संचालन पर बराबर नज़र रखी जा रही थी। आज ही पूर्वाह्न में संगठन के महासचिव ने माननीय मंत्री जी के अनुमोदन के पश्चात इस मिसिल को सचिव, राजभाषा विभाग के पास पहुंचा दिया है। आज अपराह्न या कल पूर्वाह्न तक इस मिसिल के सेवा अनुभाग, राजभाषा विभाग के पास पहुंच जाने की संभावता है। तत्पश्चात, राजभाषा विभाग के सचिव महोदय के अनुमोदन से निदेशकों की तैनाती किए जाने संबंधी आदेश जारी किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।
2). पांच उप-निदेशकों की संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति: राजभाषा विभाग से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि विभाग द्वारा पांच उप-निदेशकों को संयुक्त निदेशक के पद पर तदर्थ आधार पर पदोन्नत किए जाने की कार्रवाई शीघ्र ही शुरू की जा रही है।
3). संशोधित भर्ती नियमों की स्थिति: इस संगठन के पदाधिकारियों द्वारा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीऐंडटी) के संबंधित अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने और साथ ही, राजभाषा विभाग की वर्तमान संयुक्त सचिव महोदया की डीओपीऐंडटी के संबंधित संयुक्त सचिव के साथ बैठक होने के फलस्वरूप लगभग 20 दिन पूर्व डीओपीऐंडटी द्वारा अनुमोदित भर्ती नियमों की मिसिल को इस संगठन के महासचिव ने राजभाषा विभाग पहुंचा दिया था।
राजभाषा विभाग में उक्त भर्ती नियमों के सभी पहलुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। यदि राजभाषा विभाग को किसी पहलू को लेकर कोई आपत्ति होगी, तो उक्त भर्ती नियमों को डीओपीऐंडटी के विचारार्थ पुन: भेजना पड़ेगा। यदि राजभाषा विभाग डीओपीऐंडटी द्वारा अनुमोदित भर्ती नियमों को यथावत स्वीकार कर लेता है, तो सचिव महोदय के अनुमोदनोपरांत इन भर्ती नियमों को संघ लोक सेवा आयोग तथा केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय के अनुमोदनार्थ भेजने की कार्रवाई की जाएगी।
4). मौजूदा तदर्थ उप-निदेशकों के नियमितीकरण का मुद्दा: उन चार-पांच तदर्थ उप-निदेशकों को छोड़कर जिनकी राजभाषा विभाग द्वारा बार-बार अनुस्मारक दिए जाने के बावजूद विभाग में अभी तक एपीएआर प्राप्त नहीं हुई है, शेष सभी तदर्थ उप निदेशकों को नियमित किए जाने संबंधी कार्रवाई को शीघ्र ही संपन्न किए जाने की संभावना है। इस संबंध में राजभाषा विभाग की
वेबसाइट पर नज़र बनाए रखें।
इस संगठन द्वारा विगत में किए गए प्रयासों से सभी अधिकारियों को अवगत कराने के प्रयोजन से इस ब्लॉग पर चलायी जा रही पूर्व-दृश्य (Flashback) नामक कड़ी के साथ-साथ भविष्य में आपको सेवा संबंधी मुद्दों पर अद्यतन स्थिति से भी अवगत कराने का प्रयास रहेगा। साथ ही, आप सभी साथियों के सुझाव व टिप्पणियां प्रार्थित हैं।